Advertisement |
|
|
|
Lyrics / गीत/गजल
Read songs in this category, sumitted by different Authors. |
More Pages : 1 2 3 [ 4 ] 5 |
पुनर्मिलन
Published : February 21, 2011 | Author : हरि कुमार श्रेष्ठ | Rating :     |
|
|
जीन्दगीको यात्रा थियो दीपज्योति सरी
सपना कि विपना हो दूर्लभ भयौ परी
खुशी सारा संसारमा मेरो आफ्नै ब्यथा
सम्झिन्छु अईले पनि बिगतको कथा ।
सारा समाज तिम्रो लागि बाटो कुरी राछन्
रानो विनाको मौरीगोला जस्तै यहाँ भाछन्
|
Read Full ... |
चाल उस्तै उस्तै
Published : February 17, 2011 | Author : अशोक राई | Unrated |
|
|
चालक नयाँ भएपनि चाल उस्तै उस्तै
बाजा फरक परेपनि ताल उस्तै उस्तै
ढुंगा फ्याँकी तलाउको शान्ति बिगार्नेले
सुनामी नै ल्याँउछु भन्छन् छाल उस्तै उस्तै
बिनाश रोकी बिकास ल्याउने कुरा धेरै भए
जोगी धेरै आए कानको हाल उस्तै उस्तै
|
Read Full ... |
काटे रगत रातै
Published : January 10, 2011 | Author : पवित्रा राई | Rating :     |
|
|
एकान्तमा बसी तड्पी तड्पी रुनै पर्छ नी
लाखौं लाख साहाराको शब्द सँधै पाए पनि
मर्दै बाँच्दै कति गह्रौ पराईको संसारमा नी
कति होला मनको पिडा अनि एक्लो पनको भोगाई
कस्तो विडम्बना कसैको आँसु कसैको चाहिँ रझाई
मर्दै बाँच्दै कति गह्रौ पराईको संसार छ यस्तै
|
Read Full ... |
गजल
Published : January 03, 2011 | Author : बिष्णुनन्द चाम्लिङ | Rating :     |
|
|
सोधेँ प्रश्न सभासदलाई महाकालीको खबर । < br >
सुनाउँन थाल्यो उसले कान्छीसालीको खबर ।
घुसतन्त्रले देशको रङ्ग,उजाडियो नि भने,
सुनाउँन थाल्यो उसले दल्नेलालीको खबर ।
बगाएछन् बाटोघाटो पुलपुलेसा त भने,
सुनाउँन थाल्यो उसले भाषणतालीको खबर
|
Read Full ... |
गीत
Published : October 07, 2010 | Author : सचित राई | Rating :     |
|
|
तिम्ले दे'को विश्वासमा आफैँ घात गर्यौ
मेरो साँचो प्रीतिलाई बीचबाटै छाड्दियौ
संसार अट्ने मेरो दिलमा तिमी अट्न सकेनौ
बसाऊ अन्तै सुखी जीवन मसँग त बसाएनौ
सागर जत्रो मेरो मनलाई थोपा जत्रो ठान्यौ
पारि तार्छु भन्दै लग्यो मझधारमै छाड्दियौ
|
Read Full ... |
गीत
Published : September 17, 2010 | Author : प्रगति राई | Rating :     |
|
|
मनकै रहर मरेपछि म त मलामी छु
सीसा रै'छ उनको माया फुटी धुलाम्य छु
कोही मेरो सारथी छ- यस्तो लाग्यो होला
तर्न सक्छु सयौं जङ्घार -जस्तो बर्खे खोला
हुन्न रै'छ भाग्य सबलाई रोई जलाम्य छु
सीसा रै'छ उनको माया फुटी धुलाम्य छु
|
Read Full ... |
गजल
Published : July 17, 2010 | Author : बिष्णुनन्द चाम्लिङ | Rating :     |
|
|
पाखुरी सीपमा हल्हली जिन्दगी ।।
आतुरी मातमा तल्तली जिन्दगी ।।
बातमा प्यासले खोज्दथे पोखरी,
सम्झियो माथले कल्कली जिन्दगी ।।
माधुरी मातमा एकलै रातमा,
बेसरी सम्झिएँ झल्झली जिन्दगी ।।
|
Read Full ... |
सन्देश
Published : April 09, 2010 | Author : दिपेश लामा | Rating :     |
|
|
युद्ध त होईन बुद्धको खोजमा
अल्मली रहेछु म नेपाली
संसार जित्ने सहास तिम्रो
भन के भो गोर्खाली
आज के भो गोर खाली
|
Read Full ... |
गजल
Published : March 11, 2010 | Author : बिष्णुनन्द चाम्लिङ | Rating :     |
|
|
गोप्य पत्र लेखेको थेँ सुनाएछौ सबैलाई
तिमीलाई आफ्नो ठाँने चुनाएछौ सबैलाई
ठान्थेँ म त तिमी मनकी संसारमा एउटी
ज्ञानी भनि ठानेको थेँ भुलाएछौ सबैलाई
निर्मल निस्चल सागरकी सोझी माछी ठान्थे
जाल ढँडिया बुन्नै पर्ने बनाएछौ सबैलाई
|
Read Full ... |
गजल
Published : December 23, 2009 | Author : अशोक राई | Rating :     |
|
|
हातमा प्याला थमाएर लेखेँ
तिम्रो फोटो समाएर लेखेँ
उकुस मुकुस भयो अनि पिएँ अलिकति
शब्द आँसु खसाएर लेखेँ
हेर्दै थिएँ तस्विरमा मुस्कुरायौ तिमी
भित्र भित्रै रमाएर लेखेँ
|
Read Full ... |
पर्खी बसे हुन्छ
Published : November 25, 2009 | Author : दाजु गुरूङ | Rating :     |
|
|
बिहानीको किरण सँगै, मनको दियो बल्छ
भरे साँझ र्फकि आउँछु, र्पखि बसे हुन्छ
सरर बतासमा, पिपलको पात
तिमी सँग माया गाँस्दा, लाग्ने हो की बात
लाज लाग्यो आम्की नआम्, मायालुको छेउ
तिम्लाई भेट्दा आश जाग्छ, दिलमा बास देउ
|
Read Full ... |
गजल
Published : October 04, 2009 | Author : केदार 'संकेत' | Rating :     |
|
|
सानो छादाको आउँछ याद हात समाई डोर्याएको
मेलापात जाँदा आमा मकै भटमास छोंडाएको,
रीत पुराई डोली चडी पराई घर पुगे पनि
याद छहै वर्षै पिच्छे निधारमा टीको नटुटा'को,
आज हामी समस्याले जति टाढा पुगे पनि
नबिर्सनु एउटा कुरा एकआपसमा सघाएको,
|
Read Full ... |
फूलको थुङ्गा
Published : September 21, 2009 | Author : बिष्णुनन्द चाम्लिङ | Rating :     |
|
|
फूलको थुङ्गा तिमीमा फालेर लेख्दैछु एउटा गीत
बैशालु माया तिमीमा गालेर लेख्दैछु एउटा गीत
थिएन रङ्ग जीवनको हरेक बसन्त ऋतुहरूमा
सुनौलो रङ्गमा भवना ढालेर लेख्दैछु एउटा गीत
तिम्रो यादले सताउँदा हरेक सुन्सान रातमा
अन्धकार रातमा दियालो बालेर लेख्दैछु एउटा गीत
|
Read Full ... |
गीत
Published : September 21, 2009 | Author : Nanda Chansu | Unrated |
|
|
खोखईमा खोखई खोखईमा खोखई धानै पो नाचौं न
फूलैको थुंगा नी सोल्टीनी लुंङा पिरती गाँसौं न
सिरैमा हाम्रो कस्तोमा राम्रो सुनैको गजूर
धानैमा नाँच्नु नी पिरती गाँस्नु आउदैन सोल्टी हजुर
छुइयामा हा हा खुइयामा मार्नू आँउछ की आउदैन
पकन्दी खेल्नु जिस्केर बोल्नु पाउँछ की पाउदैन
|
Read Full ... |
अजम्बरी माया
Published : August 25, 2009 | Author : बिष्णुनन्द चाम्लिङ | Rating :     |
|
|
अजम्बरी माया तिमीलाई दिइ रहुँ लाग्छ
तिम्रै साथ हरपल बसि रहुँ लाग्छ
आँखा भरी तिमी भावनामा तिमी
मेरो हर धड्कनमा बहि दिन्छौ तिमी
उषाको किरणसँगै तिम्लाई देखुँ लाग्छ
तिम्रै साथ हरपल बसि रहुँ लाग्छ
|
Read Full ... |
कसरी भुल्न
Published : August 13, 2009 | Author : दिलिप योन्जन | Rating :     |
|
|
कसरी भुल्न सक्छुर, आधी बाटो हिडे पछि
कसरी फुल्न सक्छुर, तिम्ले जरा काटे पछि।
कहिले हासेको छुर,तिम्ले आँसुमा डुबाए पछि
खुशी काँहा मिल्छर, मुटुमा चोट लागे पछि
मनको बाध फुट्दोरहेछ, तिखा बचनले घोचे पछि
देउता पनी झुटो भाछ, बाचा कसम तोडे पछि।
|
Read Full ... |
मलामी दियौ
Published : July 28, 2009 | Author : बिष्णुनन्द चाम्लिङ | Rating :     |
|
|
प्रथम भेटमा तिमीले सलामी दियौ
दोस्रो भेटमै फेरी बदनामी दियौ
चाहान्थे जिन्दगी उदहरण बनोस
सबले घृण गर्ने कहानी दामी दियौ
|
Read Full ... |
प्रियसीको नजरमा
Published : July 06, 2009 | Author : बिष्णुनन्द चाम्लिङ | Rating :     |
|
|
प्रियसीको नजरमा कति कति डुले हजुर
परेलीका ओठ भरी कयौ चोटि फुले हजुर
तिम्ले बाटो भुले देखि योमन कति फाटे
सम्झनाकै धागो बनाइ कयौ चोटि तुने हजुर
|
Read Full ... |
गजल
Published : July 06, 2009 | Author : केदार श्रेष्ठ | Rating :     |
|
|
दिनदहाडै छिमेकीले साध मिच्न थाले पछि
चुपचाप सधैं बस्नु हुन्न जङे पिलर ढाले पछि ।
गर्दा गर्दै अलिअलि सबै मेरै भन्न बेर छैन
सिमानाको ढुङो सारी त्यही कुकुर पाले पछि ।
|
Read Full ... |
गजल
Published : May 24, 2009 | Author : आशिष साम्पाङ 'महेश' | Rating :     |
|
|
समुद्रछेउ साइवरपोर्टको रात तिमीलाई
यौवनयुक्त वैशालु ओठको मात तिमीलाई
स्वर्गको एक टुक्र फूलैफूलको बगैचामा
सुकुमारी जवानीको सौगात तिमीलाई
|
Read Full ... |
More Pages : 1 2 3 [ 4 ] 5 |
|
Random Pick |
लो. से. आ. जस्तै कठोर परीक्षा मैले पनि दिएकै हुँ
विकासको सुइँको नदिए पनि सपना मैले बेचेकै हुँ
सोझा, साधा, लाटा जनता ढुङ्ग्रोमा झ्वाम्मै हालेकै हुँ
चुनावी जात्रा नजिते पनि नियुक्ति बलियो पाएकै हुँ,
नागरिक भोकै जिय नै पनि ५ तारे होटेल धाएकै हुँ
जनता नै सबै नांगिए पनि आफ्नो त जोहो गरेकै हुँ |
|
Statistics |
Total Articles |
670
|
Total Authors |
231
|
Total Views |
821480
|
Total Categories |
15
|
More
Links |
|
|